देश के सबसे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी (Ram Jethmalani Passes Away) का 95 की उम्र में निधन हो गया। वह काफी वक्त से बीमार चल रहे थे, लेकिन पिछले एक हफ्ते से उनकी सेहत ज्यादा खराब हो रखी थी, जिसके चलते वो अपने बिस्तर से भी नहीं उठ पा रहे थे। राम जेठमलानी के बेटे महेश ने इस बात की जानकारी दी है कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम लोधी रोड श्मशाम में किया जाने वाला है।
95 साल के राम जेठमलानी (Ram Jethmalani Narendra Modi) एक हफ्ते से बिस्तर पर थे और उनका काफी वजन भी कम हो गया था। राम जेठमलानी ने नई दिल्ली में अपने आधिकारिक निवास पर सुबह 7.45 बजे अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शाम को 4 बजे लोधी रोड श्मशान में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कई बातें कहीं,’ श्री राम जेठमलानी जी के निधन से, भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया है, जिन्होंने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया है। वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर साहसपूर्वक बोलने से नहीं कतराते थे।’
पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसे जताया राम जेठमलानी के निधन पर दुख
आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा,’ श्री राम जेठमलानी जी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनके मन की बात कहने की क्षमता थी और उसने बिना किसी डर के ऐसा किया। आपातकाल के काले दिनों के दौरान उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था।’
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा,’ मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे श्री राम जेठमलानी जी के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले। इन दुखद क्षणों में उनके परिवार, दोस्तों और कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना है। वह यहाँ नहीं हो सकता है लेकिन उसके अग्रणी काम पर रहेगा! शांति।’
अमित शाह समेत इन नेताओं ने दी राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पहुंचे। साथ ही उन्होंने एक ट्ववीट भी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आज हमने एक प्रतिष्ठित वकील के साथ एक महान इंसान को खो दिया। इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राम जेठमलानी के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी जी के निधन पर अत्यंत दुख हुआ। अपने आप में एक संस्था, उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के भारत में आपराधिक कानून को आकार दिया। उसका शून्य कभी नहीं भरा जाएगा और उसका नाम कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा।’