गणतंत्र दिवस से महज कुछ दिन पहले कुछ बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने के लिए चुना जाता है। इन पुरस्कारों को आयोजन करने का काम 1957 से अब तक एक एनजीओ करता आया है। लेकिन एक जांच के अंदर एनजीओ पर भ्रष्टाचार के कुछ गंभीर आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं एनजीओ को को गणतंत्र दिवस की परेड से भी बाहर रखा जा सकता है।
दरअसल टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबरे के मुताबिक उस एनजीओ नाम इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर है। जिस पर राष्ट्रीय क्रेच योजना में पैसों की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इन आरोपो के बाद सरकार इस एनजीओ से अपने सारे नाते तोड़ दिए हैं। इतना ही नहीं इस एनजीओ को आरोपों के चलते सरकार गणतंत्र दिवस की परेड से भी बाहर भी रख सकती है।
महिला एंव बाल विकास मंत्रालय ने एनजीओ के खिलाफ को गुरुवार के दिन एफआईआर भी दर्ज कराई थी। ऐसा जा कहा जा रहा है कि एनजीओ पर 31 दिसंबर, 2016 तक राजीव गांधी राष्ट्रीय क्रेच योजना के क्रियान्वन का काम सौपा गया था। इतना ही नहीं 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट के अंदर एक रिट याचिका दाखिल करते हुए एनजीओ के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ताओं के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
कोर्ट की ओर से बाद में मंत्रालय के अधिकारियों की एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिनको एनजीओ में कथित भ्रष्टाचार की जांच करने के आदेश दिए गए थे।जांच हो जाने के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा कर दी है। ऐसे में हाईकोर्ट ने सरकार को कहा कि यदि उन्हें जरुर लगती है तो वो भी मामले की जांच करा सकती है।
होईकोर्ट के इस निर्देश के बाद सरकार ने एक आखिरी कमेटी बनाकर एनजीओ के खिलाफ जांच करना शुरु कर दी। इसके साथ ही इस चांज की रिपोर्ट भी कोर्ट के पास जमा करा दी गई है। मंत्रालय की अंतरिम कमेटी द्वारा जारी किए बयान में कहा गया है कि इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर ने राष्ट्रीय क्रेच योजना के आधार पर वर्ष 2014 से 2015 तक में 84 लाख रुपए और 2015-2016 में 2.19 करोड़ रुपए का बैलेंस राज्य परिषदों के पास वापस नहीं आया।
वहीं, सफाई को देते हुए एनजीओ की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने कहा कि एनजीओ द्वारा किसी भी तरह की वित्तीय अनियमित्ता नहीं की गई है और वैसे भी ये मा्मला अभी कोर्ट में हैं। इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर ने पिछले 68 सालों में अपने काम करने के तरीकों को उच्च मानक बनाए रखे हैं। आपको बतातें चलें कि इस साल सरकार की ओर से 26 बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा, जिनमें से 3 बच्चों को वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 22 जनवरी को ये पुरस्कार बच्चों को दिए जाएंगे।
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