इस बार भारत अपना 70वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी को पूरा देश पूरे उत्साह के साथ मनाता है। इस दिन राजपथ से लाल किला तक परेड निकाली जाती हैं। विभिन्न राज्यों की झाकियां निकलती हैं। भारतीय सेना के तीनों दल अपना-अपना पराक्रम दिखाते हैं। राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। परेड का समापन राष्ट्रीय गान से होता है।
आपको बता दें कि हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा पूरी तरह से बनाकर अपना लिया गया था लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। संविधान लागू होने के बाद देश भारतीय कानून का शासन चलने लगा और भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकार मिले। लेकिन क्या आप जानते हैं नवंबर में संविधान तैयार होने के बाद 26 जनवरी को ही संविधान क्यों लागू हुआ? इसके पीछे क्या कारण था? यहां हम आपको बताएंगे इसकी वजह…
इसलिए चुना गया 26 जनवरी
आजादी से पहले दिसंबर 1929 में लाहौर (अब पाकिस्तान) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी के सबसे करीबी पंडित जवाहरलाल नेहरु कर रहे थे। इस अधिवेशवन में एक प्रस्ताव पास किया गया कि अगर ब्रिटिश सरकार 26 जनवरी 1930 कर भारत को अपना शासन यानि डोमिनयन घोषित नहीं करेगी तो भारत अपने आप को स्वतंत्र घोषित कर देगा।
लेकिन ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को ठुकारा दिया। तब कांग्रेस ने 26 जनवरी को विशेष दिन घोषित किया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की घोषणा की। इस पंडित जवाहरलाला नेहरु ने रावी नदी के पास तिरंगा फहराया। इसके बाद से कांग्रेस ने भारत के आजाद होने तक हर साल 26 जनवरी को झंडा फहराती रही।
संविधान सभा का गठन
भारत की आजादी के दिन करीब आते-आते संविधान सभा का गठन डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में किया गया। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा ने संविधान प्रारुप बनाने में जुट गए। संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन में तैयार हुआ। संविधान बनाने में 114 दिन की बैठक हुई। 308 सदस्यों ने कई बदलावों और सुधार के बाद संविधान को पूरी तरह से तैयार किया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया और भारत को एक गणतंत्र देश घोषिक किया गया
यहां देखिए हिंदीरश का लेटेस्ट वीडियो…
यहां देखिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें…