देश के 70वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत रत्न विजेताओं की घोषणा की। तीन व्याख्यात व्यक्तियों को इस साल भारत रत्न दिया गया है। इनमें से दो व्यक्ति का निधन हो चुका है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पांच दशक से भी ज्यादा समय तक राजनीति में रहते हुए जनसेवा के लिए भारत रत्न दिया गया है। वहीं, असम के व्याख्यात सिंगर भूपेन हजारिका और आरएसएस विचारक नानाजी देशमुख को मरणोपरांत ये अवार्ड मिला है।
प्रणब मुखर्जी ने इस पर रिएक्ट करते हुए कहा कि, ‘भारत के लोगों के लिए विनम्रता और कृतज्ञता की गहरी भावना के साथ है कि मैं इस महान सम्मान भारत रत्न को स्वीकार करता हूं। मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं, कि मैंने अपने महान देश के लोगों से जितना दिया है, उससे कहीं अधिक मुझे मिला है।’
नानाजी देशमुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर इन तीनों की भूमिका के बारे में बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नानाजी देशमुख के बारे में कहा कि नानाजी देशमुख ने ग्रामीण विकास और हमारे गांवों में ग्रामीणों के सशक्तिकरण के नई परिवेश के लिए उत्कृष्ट काम किया। उन्होंने निम्न तबकों, गरीबों और पिछड़ों के प्रति विनम्रता, करुणा और सेवा का परिचय देता है। वह सही मायने में भारत के रत्न हैं।
भूपेन हजारिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्गीय भूपेन हजारिका के योगदान के बारे में बताया कि उनके म्यूजिक और सॉन्ग हर जनरेशन के लोग सराहते हैं। उनके म्यूजिक और सॉन्ग से न्याय, सौहार्द और भाईचारे का संदेश जाता है। उन्होंने विश्व स्तर पर भारत की संगीत परंपराओं को लोकप्रिय बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खुशी है कि भूपेन दा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी सबसे कम उम्र में 1982 में भारत के वित्त मंत्री बने। उनकी आयु उस समय 47 वर्ष थी। 2004 के बाद विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री भी बने। इसके बाद वह देश के पहले व्यक्ति यानि राष्ट्रपति बने।
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