जया प्रदा की रामपुर से हुई हार, सपा नेता आजम खान ने 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में बीजेपी कैंडिडेट जया प्रदा (Jaya Prada) रामपुर में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां (Ajam Khan) से हार गईं। जहां जया प्रदा को 447813 वोट मिले वहीं,  समाजपार्टी के नेता आजम खां को 557911 वोट मिले। 

जया प्रदा रामपुर से बीजेपी की उम्मीदवार है (फोटो:इंस्टाग्राम)

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी कैंडिडेट जया प्रदा (Jaya Prada) रामपुर में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Ajam Khan) से हार गईं। जहां जया प्रदा को 447813 वोट मिले वहीं,  समाजपार्टी के नेता आजम खान को 557911 वोट मिले। आजम खान ने जया प्रदा को 109707 वोट से हरा दिया। आपको बता दें कि गिनती के शुरूआत में इन दोनों के बीच भी काफी करीबी मामला देखने मिला था, लेकिन आखिर में जया प्रदा को हार का सामना करना पड़ा।

वैसे इस इलाके में 50 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने की वजह से ऐसी कयास लगाए जा रही थे  कि आजम खां को इससे फायदा होगा। लेकिन अभी तक की वोटों की गिनती से ये आकलन गलत नजर आ रहा है। आपको बता दें कि जया प्रदा यहां से दो बार सांसद रह चुकी हैं। 2014 में इस सीट से बीजेपी के नेता डा. नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। उन्हें तीन लाख से ज्यादा वोट मिले थे।

3 अप्रैल 1962 में जन्मीं जया प्रदा के पॉलिटकल बैकग्राउंड की बात करें, तो साल 1994 में के दौरान उन्होंने अपने गृहराज्य आंध्रप्रदेश में स्थापित तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हुईं। उनके शामिल होने के बाद जब तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव के बीमार होने के बाद जब पार्टी के कई बड़े नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ बगावत कर गए तो जया प्रदा भी उनके साथ थीं। इस पार्टी के साथ 10 साल तक यानि 2004 तक जुड़ी रहीं। जया प्रदा चंद्रबाबू नायडू के साथ ज्यादा समय तक पार्टी का साथ नहीं दे पाईं। साल 2004 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।

सपा से जुड़ने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस चुनाव में उनकी जीत हुई। उन्होंने लगभग 85 हजार मतों से अपने विपक्षी उम्मीदवार को हरा दिया। लेकिन उनकी ये जीत आजम खां और उनके बीच मतभेद की वजह बन गई।  साल 2009 के लोकसभा चुनाव आते-आते दोनों एक-दूसरे के खिलाफ पब्लिक रैलियों में भी बोलने लगे। 2009 में भी जया प्रदा 30000 वोटों से यहां जीत दर्ज कराई।

2010 में आजम खां को लेकर खुलेआम बोलने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने  साल 2011 में अपनी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच का गठन किया। लेकिन कुछ खास रिस्पांस नहीं मिलने की वजह से उन्होंने इस पार्टी को छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने 2014 में आरएलडी ज्वॉइन किया जहां उन्हें बिजनौर से टिकट मिला। लेकिन उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा। इस पार्टी के बाद एक्ट्रेस ने इस साल इस एक्ट्रेस ने 26 मार्च को भाजपा पार्टी ज्वॉइन कर लिया।

जागृति प्रिया :मुझे एंटरटेंमेंट, लाइफस्टाइल, हेल्थ, ट्रेंड और ब्यूटी की खबरें लिखना पसंद है। पाठकों को इनसे जुड़ी खबरों से अवगत कराती हूं। मैंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी से मास्टर इन जर्नलिज्म किया है।