भारतीय जनता की सीनियर लीडर और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात 67 साल की उम्र में निधन हो गया। सुषमा स्वराज (RIP Sushma Swaraj) को रात 10 बजकर 15 पर दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। राजनीतिक और कानूनी लड़ाइयां जीतने वाली नेता इस गंभीर बीमारी से नहीं जीत पाई और दुनिया को अलविदा कह दिया।
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj Passed Away) ने विदेश मंत्री रहते कई अच्छे और बड़े काम किए, जिसकी वजह से आम जनता से लेकर कई बड़े लोगों और विदेशी नेताओं ने उनकी तारीफें की। यहां हम आपको बताएंगे उनके राजनीतिक सफर के बारे में-
- सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ। उनके पिता का नाम हरदेव शर्मा और मां लक्ष्मी देवी था। शादी से पहले उनका नाम सुषमा शर्मा था।
- सुषमा स्वराज के पेरेंट्स पाकिस्तान के लाहौर स्थित धरमपुरा के रहने वाले थे,आखिरी बार जब सुषमा स्वराज पाकिस्तान गईं तो वह धरमपुरा भी गईं।
- सुषमा स्वराज 25 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं। 1998 में वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं।
- सुषमा स्वराज ने अंबाला के सनातन धर्म कॉलेज से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। और संस्कृत और राजनीति विज्ञान बैचलर डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की।
- सुषमा स्वराज ने सनातन धर्म कॉलेज में एनसीसी का बेस्ट कैडेट होने का खिताब भी जीता था। उन्होंने तीन साल लगतार ये खिताब अपने नाम किया।
- सुषमा स्वराज ने हरियाणा के भाषा विभाग द्वारा आयोजित लगातार 3 साल तक बेस्ट हिंदी स्पीकर का अवार्ड जीता। उन्हें क्लासिकल म्यूजिक, कविता, फाइन आर्ट और ड्रामा में काफी रूचि थी।
- सुषमा स्वराज ने 1970 के दशक के शुरुआती दौर में अखिल विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरआत हुई। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े कार्यकर्ता थे।
- सुषमा स्वराज ने 1973 से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। वह पति स्वराज कौशल के साथ जॉर्ज फर्नांडीज के बड़ौदा डाइनामाइट केस (1975-77) में लीगल डिफेंस टीम का हिस्सा थीं।
- इमरजेंसी के दौरान सुषमा स्वराज ने स्वराज कौशल से 13 जुलाई 1973 को शादी की। स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील थे और फरवरी 1990 से 1993 तक मिजोरम के राज्यपाल के पद पर भी रहें।
- सुषमा स्वराज जनता पार्टी की सरकार में 1977 में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मिनिस्टर बनीं। उस वक्त उनकी उम्र 25 साल थी। साल 1979 में, वह जनता पार्टी की हरियाणा राज्य की अध्यक्ष बनीं।
- सुषमा स्वराज एक राष्ट्रीय पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता बनीं। सुषमा स्वराज पहली ऐसी महिला नेता बनी जिन्होंने बहुत कुछ पहली बार किया। वह बीजेपी की ओर से पहली महिला मुख्यमंत्री, महासचिव, विपक्ष की नेता, कैबिनेट मंत्री, प्रवक्ता और विदेश मंत्री बनीं।
- साल 1998 में सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने दिल्ली के सीएम का पद बहुत कम वक्त (13 अक्टूबर से 3 दिसंबर तक) के लिए संभाला।
- साल 2003 से 2004 के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने देश में 6 एम्स खोलें। इनमें भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश खोलें। उनके नाम ऐसे कई सारें अचीवमेंट हैं। सुषमा स्वराज 7 बार की सांसद और 3 बार विधायक रह चुकी हैं।
- तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के लिए सुषमा स्वराज ने विपक्ष में रहते हुए अहम भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्होंने अपने मेंटोर लाल कृष्ण आडवाणी से भी बहस की। तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद सुषमा स्वराज ने कहा था कि तेलांगाना को राज्य बनाने के लिए आप लोग सोनिया अम्मा को थैंक्यू कहना लेकिन अपनी चिन्नामा को मत भूलना। यहां चिनम्मा उन्होंने अपने लिए इस्तेमाल किया।
- सुषमा स्वराज इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री बनीं। वह मोदी सरकार में 26 मई 2014 से विदेश मंत्री का कार्यभार संभाला और कई महत्वपूर्व काम किए। इस दौरान सुषमा स्वराज ने विदेशों में फंसे कई भारतीयों की मदद की।
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