भारतीय राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra) में शनिवार सुबह एक बड़े अस्पताल में आग लगने से दस शिशुओं की मौत हो गई। स्टाफ ने भंडारा (Bhandara) जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं में से सात को बचाया, लेकिन 10 अन्य लोगों तक पहुंचने से पहले आग काफी तेज़ बढ़ गई, वरिष्ठ चिकित्सक प्रमोद खांडते ने कहा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वालों में से बच्चों की उम्र कुछ दिन से लेकर तीन महीनों के बीच में थी। “आग का कारण अभी तक पता नहीं चला है, लेकिन हमारे कर्मचारियों ने जैसे ही आग को बुझाया। धुएं से बच्चों का दम घुटने लगा।” ड्यूटी पर मौजूद नर्सों ने अस्पताल की नवजात यूनिट से आग लगने की सूचना दी और अलार्म उठाया।
फायर ब्रिगेड ने ब्लास्ट को अस्पताल के अन्य हिस्सों में फैलने से रोक दिया और अन्य रोगियों को सुरक्षा कक्ष में ले जाया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर दुख जताते हुए लिखा , “महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली त्रासदी, जिसमें हमने बहुमूल्य युवा जीवन खो दिया है।” विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी मौतों को ‘बेहद दुखद’ बताया।
अधिकारियों ने भारतीय अस्पतालों में सुरक्षा के बारे में संदेह उठाने के लिए नवीनतम आपदा की तत्काल जांच का आदेश दिया। 2011 में कोलकाता के एक अस्पताल में 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। अगस्त में अहमदाबाद के एक अस्पताल में आग लगने से आठ कोरोनावायरस मरीज मारे गए। नवंबर में राजकोट के एक क्लिनिक में विस्फोट से पांच कोविड -19 मरीजों की मौत हो गई।
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