सावन 17 जुलाई से शुरु होने वाला है। सावन (Sawan Somvar 2019) के पहले सोमवार का अपना ही एक अलग महत्व होता है। इस दिन भगवान की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है। इस दिन जो भी व्रत रखता है वह दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति पाता है, मनचाहा जीवनसाथी उसे मिलता है और शादीशुदा जिंदगी में आ रहीं परेशानियों भी खत्म हो जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सावन के पहले सोमवार आपको कुछ ऐसी चीजें भुलकर भी नहीं करनी चाहिए जिसका आपकी जिंदगी पर बुरा असर पड़ सकता है। यदि आपको उन चीजों के बारे में नहीं पता तो हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।
सावन के सोमवर में भूलकर भी न करें ये काम
– सावन के सोमवार को ही नहीं बल्कि पूरे महीने मांस-शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपको व्रत का लाभ भी नहीं मिलेगा।
– बैंगन का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।
– गन्ने का जूस और काली मिर्च भुलकर भी न खाएं। क्योंकि महादेव को ये चीजें बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
– सरसों का तेल नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ये शनिदेव को चढ़ता है। इससे उग्र भावनाएं पैदा होती है और जबकि भगवान भोलेनाथ शांत प्रवृति के हैं।
– शिव जी को भूलकर भी हल्दी ना लगाएं क्योंकि ये अशुभ माना जाता है। इससे आपके घर मुसीबत आ सकती है।
– दाढ़ी न बनवाएं और न ही बालों को कटवाएं।
– दिन में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस पूरे महीने भोलेनाथ धरती पर विचरण करते हैं। ऐसे में यदि आप सोते है तो उनका अपमान होता है।
-घर में रखें साफ-सफाई का विशेष ध्यान।
– पेड़ों को बिल्कुल भी न काटें बल्कि परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर पेड़ लगाएं।
– किसी भी कांवर यात्रियों का अपमान न करें। ऐसा करने से आप खुद पर अधिक पाप चढ़ा सकते हैं और आपका सारा काम भी बिगड़ सकता है।
सावन के महीने में इस बार होंगे 4 सोमवार
इस बार सावन के महीने में 4 सोमवार आएंगे। पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 5 अगस्त और चौथा सोमवार 12 अगस्त को होगा। वहीं, 15 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है। काफी सारे लोग सावन के महीने में आने वाले पहले सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआत करते हैं।
जानिए व्रत और पूजन विधि
– सुबह-सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद साफ कपड़े पहने
-पूजा की जगह को साफ करें
-भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाएं।
-भोलेनाथ के सामने आंख बंद करके शांति से बैठे और व्रत का संकल्प लें।
-दिन में दो बार भगवान शिव (Mahadev) और मां पर्वती की पूजा करें।
– भगवान शिव के सामने तिल के तेल का दीया जलाए और फूल के साथ-साथ फल अर्पित करें।
– ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं।
– सवान सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और साथ ही दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं
– पूजा के खत्म हो जाने के बाद प्रसाद सभी को बाटें और शाम को पूजा कर अपना व्रत खोलें।