पद्म श्री पुरस्कार (Padma Shri Award) से सम्मानित और जाने-माने प्रसिद्ध सैक्सोफोनिस्ट (saxophonist) कादरी गोपालनाथ (Kadri Gopalnath) का आज सुबह यानि शुक्रवार को सुबह मंगलुरु में निधन हो गया। उन्हें मंगलुरु में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। 69 वर्ष के कादरी गोपालनाथ लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हालिया जानकारी के मुताबिक, गोपालनाथ के अंतिम संस्कार में थोड़ी देरी होगी, क्योंकि उनके एक बेटा गुरु दुबई में हैं, जिसके वापस लौटने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
साल 1950 में डीके जिले के साजिपामुडा गांव में जन्में गोपालनाथ के पिता तान्यप्पा, नागाश्वर बजाया करते थे। कादरी गोपालनाथ कर्नाटक संगीत प्रणाली में एक विश्व प्रसिद्ध सैक्सोफोनिस्ट थे। उन्होंने कर्नाटक में गोपालकृष्ण अय्यर से सैक्सोफोनिस्ट बजाना सीखा था। गोपालनाथ ने एक बार मैसूर पैलेस में सैक्सोफोनिस्ट बजाया था जिसके बाद उन्हें लगा कि इस कला में उन्हें महारथ हासिल करने की जरुरत हैं और ऐसा हुआ भी उन्होंने सैक्सोफोनिस्ट सीखा और उसके लिए पद्म श्री पुरस्कार (Padma Shri Award) अपने नाम किया।
आपको बता दें कि गोपालनाथ का पहला संगीत कार्यक्रम चेम्बाई मेमोरियल ट्रस्ट में आयोजित किया गया था। वहीं साल 1980 में बॉम्बे जैज फेस्टिवल ने उनकी जिंदगी को एक अलग मोड़ दिया और यहीं एक कारण भी हैं कि अपने इस हुनर के दम पर वो आज देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जानी-मानी शख्सियत हैं। उनके संगीत कार्यक्रम देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ परागू में जैज़ फेस्टिवल, बर्लिन जैज़ फेस्टिवल, मैक्सिको में इंटरनेशनल फेस्टिवल, पेरिस में म्यूज़िक हॉल फेस्टिवल, 1994 में लंदन में बीबीसी प्रोमेनेड संगीत कार्यक्रम में आयोजित किए गए। इतना ही नहीं पद्म श्री पुरस्कार, केंद्र संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कर्नाटक कलाश्री पुरस्कार भी उन्होंने अपने नाम किए।
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