Shani Amavasya 2019: हर दिन, हर माह और हर राशि से संबंधित ग्रह-नक्षत्रों व धार्मिक महत्व की बात करें तो अमावस्या की तिथि बहुत प्रभावी होती है। अमावस्या के दिन स्नान, पूजा उपासना, दान आदि का अत्यधिक महत्व होता है। शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या विशेष रूप से बहुत फलदायी होती है। इसे शनि अमावस्या (Shani Amavasya) या शनिचरी अमावस्या (Shanichari Amavasya) भी कहा जाता है। आज शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2019) है और आज के दिन इस बार एक विशेष योग बन रहा है।
इस समय धनु राशि में शनि के साथ सूर्य, चंद्र और बुध हैं। यह ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग कहलाता है। दरअसल यह एक राजयोग है। इस दौरान अगर सच्ची श्रद्धा और पूरे मन से उपाय किए जाए तो आपकी किस्मत बुलंद हो सकती है। नौकरी की चाह रखने वालों के लिए आज का दिन विशेष है। आज शनिदेव की उपासना से आपके सारे कष्ट मिटेंगे और जल्द नौकरी के योग बनने लगेंगे। कारोबारियों को भी शनि उपासना से विशेष लाभ होगा, लेकिन आज के दिन आपको इन 4 कामों से जरूर बचना होगा।
1- आज के दिन आप शनिदेव की पूजा करें लेकिन ध्यान रहे कि सरसों के तेल की जरा भी बर्बादी न हो। शास्त्रों में शनिदेव को दंडाधिकारी और कर्मफलदाता माना जाता है। ऐसे में नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है।
2- अपना व्यवहार सही रखें। ऐसे लोग जो दूसरों का निरादर करते हैं या बड़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते हैं वह लोग शनिदेव के कोप के भाजन हो जाते हैं। बुरे कर्म करने वालों को शनिदेव जरूर दंड देते हैं।
3- पूजा के दौरान शनिदेव की आंखों में नहीं देखें। मान्यताओं के अनुसार शनिदेव की प्रतिमा के सामने खड़े होकर कभी प्रार्थना नहीं करनी चाहिए। शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी कहा जाता है तो उनकी पूजा के दौरान अपना मुख पश्चिम दिशा की ओर करके प्रार्थना करें।
4- शनिदेव की पूजा में लाल रंग के फूलों का प्रयोग वर्जित है। साथ ही शनिदेव के पूजन में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करने से भी बचें। शनिदेव की पूजा के लिए लोहे के बर्तन सबसे उपयुक्त होते हैं। उनकी पूजा में लोहे का विशेष महत्व है।
कैसे करें शनिदेव की पूजा?
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आज आप उनके सम्मुख सरसों के तेल का दीपक जलाएं। उनकी पूजा में नीले और काले रंग का विशेष महत्व होता है तो संभव हो सके तो पूजन के दौरान नीले अथवा काले रंग के कपड़े ही पहनें। उड़द की दाल और चावलों का दान करें। जरूरतमंदों की मदद करें। दरअसल अमावस्या के दिन दान-पुण्य से पितृ दोष दूर होते हैं, साथ ही राहु व केतु की पीड़ा से भी आपको मुक्ति मिलती है। शनिदेव की उपासना के दौरान इन पांच मंत्रों के जाप से आप हर कष्ट से मुक्ति पा सकते हैं-
1- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:
2- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
3- सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:
4- कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:
5- ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:
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