शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया था चिकन और अंडे को शाकाहारी, ट्विटर यूजर्स बोले- मटन से भेदभाव क्यों?

चिकन और अंडे को शाकाहारी बताने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहे हैं। ट्विटर यूजर्स ने चुटकी लेते हुए कहा कि बीफ और मटन के साथ भेदभाव क्यों कर रहे हो?

शिवसेना सांसद संजय राउत को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। (फोटो- ट्विटर)

‘मुर्गी और अंडा शाकाहारी भोजन हैं। आयुष मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि वह इस बात को प्रमाणित करे, ताकि शाकाहारी लोगों को प्रोटीन युक्त भोजन मिल सके।’ यह कहना है शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) का। राज्यसभा में चर्चा के दौरान जब शिवसेना नेता राउत की बारी आई तो उन्होंने यह बयान देकर सभी को चौंका दिया। फिर क्या था उनका बयान सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा और ट्विटर यूजर्स इसपर खूब चुटकी लेने लगे।

खुशबू नाम की ट्विटर यूजर लिखती हैं, ‘शिवसेना नेता संजय राउत चाहते हैं कि चिकन और अंडे को शाकाहारी कहा जाए। इसपर बीफ और मटन बोले- ये भेदभाव क्यों?’ अविनाश तिर्के ने लिखा, ‘कृपया बीफ को मशरूम के रूप में वर्गीकृत करें।’ भास्कर पीनियल लिखते हैं, ‘क्या आयुर्वेदिक मुर्गा संस्कृत में बांग देगा?’

ट्विटर यूजर्स ने ली संजय राउत के बयान पर चुटकी, देखिए यह ट्वीट्स…

बताते चलें कि संजय राउत ने प्रोफेसर राम गोपाल यादव के कथन का हवाला देते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि हनुमान जी पर्वत लेकर आए और लक्ष्मण जी को संजीवनी मिली। आयुर्वेद वहां से शुरू हुआ और आज कहां पहुंच गया है। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बताता हूं कि हमारे महाराष्ट्र में नन्दूरबार एक आदिवासी जिला है। मैं वहां गया था। जब काम खत्म हो गया, तो आदिवासी लोग हमारे पास खाना लेकर आए। मैंने उनसे पूछा कि ये क्या है। वो बोले ये मुर्गी है। मैंने कहा कि मैं मुर्गी नहीं खाऊंगा। उन्होंने कहा कि ये आयुर्वेदिक मुर्गी है। उन्होंने बताया कि ये एक ऐसी मुर्गी है, जिसका हम इस तरह से पालन-पोषण करते हैं कि इसे खाने के बाद आपके शरीर के सब रोग बाहर निकल जाएंगे। ये आयुष मंत्रालय के लिए शोध का विषय है।’

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शिवसेना सांसद संजय राउत से राज्यसभा में क्या कहा, देखिए वीडियो…

राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।