PPF, NSC में पैसा लगाने वालों के काम की खबर, सरकार के इस फैसले से पड़ सकता है मुनाफे पर असर

वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही में लघु बचत ब्याज दरों को घटाने के संकेत दे दिए हैं। अतनु ने बताया कि अब इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित किया जा सकता है।

स्मॉल सेविग्स स्कीम पर घट सकती हैं ब्याज दरें

वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव (Department of Economic Affairs Secretary) अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही में लघु बचत ब्याज दरों को घटाने के संकेत दे दिए हैं। अतनु ने बताया कि अब इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित किया जा सकता है। जिससे नीतिगत दरों के लाभ को जल्द आम लोगों तक पहुंचाने में सहायता मिलने की पूरी संभावना है।

वहीं बैंक जमा दरों में नरमी के बाद भी चालू तिमाही में केंद्र सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) के साथ लघु बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर ब्याज दरों में कटौती करने से दूरी बनाए रखी।

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अतनु चक्रवर्ती ने बताया की देश में इस समय हमारे पास करीब 12 लाख करोड़ रुपए लघु बचत योजनाओं में और करीब 114 लाख करोड़ रुपए बैंक जमा के रूप में हैं। इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपए से प्रभावित हो रही है।

छोटी बचत योजनाओं की वर्तमान में ब्याज दरें:

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund (PPF interest Rate)- 7.9%

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme Interest Rate)- 8.4%

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizens Savings Scheme Interest Rate)- 8.6%

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (National Savings Certificate (NSC) Interest Rate)- 7.9%

किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra (KVP) Interest Rate)- 7.6%

नेशनल सेविंग्स मंथली इनकम अकाउंट (Monthly Income Scheme Account, MIS Interest Rate)- 7.6%

नेशनल सेविंग्स रेकरिंग डिपॉटिज अकाउंट (National Savings Recurring Deposit Account Interest Rate)- 7.2%

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चक्रवर्ती ने आगे कहा कि अभी कुछ सांकेतिक मामले हैं जिन पर अभी काम किया जा रहा है। वहीँ बैंकों का कहना है कि लघु बचतों पर ऊंचे ब्याज से उन्हें अपनी जमा ब्याज दरों में कटौती करने में परेशानी आ रही है। एक साल की परिपक्वता अवधि के लिए बैंकों की जमा ब्याज दर और लघु बचत दरों में करीब एक प्रतिशत का अंतर है। उन्होंने कहा कि भले सरकार लघु बचत योजनाओं पर निर्भर नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार का इन योजनाओं को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि लोग इसका प्रयोग करते हैं।

lakhantiwari :मेरा नाम लखन तिवारी है और मैं एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट के रूप में पिछले 6 वर्षों से काम कर रहा हूं. एंटरटेनमेंट की खबरों से खास लगाव है. बॉलीवुड की खबरें पढ़ना और लिखना दोनों ही पसंद है.