बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने अमेठी में रचा इतिहास, 47598 वोटों से दी राहुल गांधी को मात

स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 47598 वोटों से हरा कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी है। स्मृति ईरानी को 347339 वोट मिले और वहीं, कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को 299741 वोट मिले।

स्मृति ईरानी अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार हैं(फोटो:'ट्विटर)

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019 Results) में सबसे दिलचस्प मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बीच देखने मिला। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 47598 वोटों से हरा कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी है।

दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही। जहां भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 347339 वोट मिले और वहीं, कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को 299741 वोट मिले। आखिरकार स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को मात दे दी।

स्मृति ईरानी (Smriti Irani Political Career) का राजनीतिक सफर 2003 में शुरू हुआ था। उन्होंने 2003 में भारतीय जानता पार्टी (BJP) ज्वॉइन किया था। 2004 में ये महाराष्ट्र के यूथ विंग की वाइस प्रेसीडेंट बनी थी। 2004 में ही उन्होंने दिल्ली के चांदनी चौक से कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। लेकिन स्मृति को हार का सामना करना पड़ा था। 2004 में उन्होंने उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को अपने हार की वजह बताई थी। इसके लिए स्मृति ने आमरण अनशन करने की भी धमकी दी थी। बाद में बीजेपी के कड़े रूख की वजह से वो अपनी इस बात से मुकर गईं।

2011 में गुजरात से स्मृति ईरानी को राज्य सभा के सांसद के तौर पर चुना गया था। 2014 में स्मृति ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसी साल नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे और स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। लेकिन 2016 में विवादों के चलते उन्हें अपने इस पद से इस्तीफा देना पड़ा। 2017 में एम वैंकेया नायडू के इस्तीफे के बाद स्मृति ईरानी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय मिला। लेकिन पिछले साल ये कार्यभार स्मृति ईरानी से लेकर राज्यवर्धन सिंह राठौर को सौंप दिया गया।

एक्ट्रेस की टीवी और एक्टिंग लाइफ की बात करें, तो 1998 में उन्होंने गौरी प्रधान के साथ ब्यूटी कंटेस्टेंट में हिस्सा लिया था, लेकिन वो टॉप 9 में भी जगह नहीं बना पाईं थी। वहीं, 1998 में ये पहली बार मिक्का सिंह के एलबम ‘सावन में लग गई आग’ के गाने ‘बोलियां’ में नजर आईं थी। इसके बाद उन्होंने 2000 में सीरियल ‘आतिश’ से डेब्यू किया था। इसके बाद वो ‘हम हैं कल आज और कल’ सीरियल में नजर आईं। लेकिन उन्हें असली पहचान एकता कपूर(Ekta Kapoor) के सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ से मिली थी। सीरियल में तुलसी के किरदार में नजर आईं स्मृति ईरानी का ये रोल काफी पॉपुलर हुआ था।

जानिए पीरियड्स को लेकर स्मृति ईरानी ने ऐसा क्या बयान दिया था जिससे वो विवादों में फंस गईं थी…

जागृति प्रिया :मुझे एंटरटेंमेंट, लाइफस्टाइल, हेल्थ, ट्रेंड और ब्यूटी की खबरें लिखना पसंद है। पाठकों को इनसे जुड़ी खबरों से अवगत कराती हूं। मैंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी से मास्टर इन जर्नलिज्म किया है।