रविवार का दिन श्रीलंक के लोगों के लिए बेहद ही खौफनाक दिन साबित हुआ है। 8 सीरियल बम ब्लास्ट ने वहां के लोगों को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है। ये हमला ईस्टर सेंड के मौके पर हुआ है। तीन चर्च और 4 होटलों में हुए इस बम धमाके में अब तक कम से कम 190 से ज्यादा लोगों की जान जाने की खबर सामने आई है। इसके साथ ही ऐसा कहा जा रहा है कि इस सीरियल बम ब्लास्ट में 35 विदेशियों की भी जान गई है। श्रीलंक के अंदर पहला बम धमाल सुबह करीब 8 बजे हुआ था। वहीं, ये खबर सामने आई है कि पुलिस प्रमुख को इस बात की जानकारी पहले से ही थी कि देश के प्रमुख चर्चों को निशाना बनाया जा सकता है।
गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि श्रीलंक पुलिस प्रमुख को करीब 10 दिन पहले से ही किसी बड़े हमले का इंटेलिजेंस इनपुट यानी जानकारी दी गई थी। इनपुट में इस बात का जिक्र किया गया था कि फिदायीन हमलवार देश के प्रमुख चर्चों को अपना निशाना बना सकते हैं। इस मामले में पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदर ने 11 अप्रैल के दिन ही देश के आला पुलिस अधिकारियों को इस बात की जानकारी दे दी थी। इटेंलिजेंस अलर्ट के साथ एक विदेशी इंटेंलीजेंस एजेंसी का भी इनपुट जोड़ा गया था और बताया गया था नेशनल तौहीत जमात संगठन श्रीलंक के कुछ प्रमुख चर्चों को अपना निशाना बनाने की तैयारी में है। इसके साथ ही कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त को भी निशाने पर रखा गया था। हालांकि अभी तक किसी समूह या व्यक्ति ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट बताती है कि आत्मघाती हमलावर श्रीलंका के इस हमले की जिम्मेदार हो सकते हैं।
इस हमाले को लेकर फिलहाल श्रीलंक के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने और जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रपति ने अपनी बात में कहा कि मैं इस घटना से काफी सदमे में हूं। फिलहाल इस मामले में सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के हमले की पूरी तरह से निंदा करता हूं। हमारे यहां इस तरह के इस तरह की बर्बरता के लिए जगह नहीं है। भारत इस वक्त श्रीलंक के लोगों के साथ खड़ा हुआ है। मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार वालों के साथ है। इस हमले में घायल हुए लोगों की जल्द स्वस्थय होने की मैं कामना करता हूं।