Supreme court: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच कई सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) से शिकायतें आई है कि वहां स्वास्थ कर्मियों के साथ अच्छा व्यव्हार नहीं हो रहा है। इस मामले का उजागर किसी और ने नहीं बल्कि अस्पताल के डॉक्टर और नर्स (Doctor and Nurse) द्वारा किया गया है। इस सूचि में दिल्ली की सरकारी अस्पतालें भी शामिल है। अब हालही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) को भी चेतावनी दी कि डॉक्टरों और नर्सों को सरकारी अस्पताल की दुर्दशा उजागर करने के लिए दंडित ना करे और ना ही धमकाए। दरअसल, आरोप है कि जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना वार्ड में अमानवीय स्थिति के वीडियो बनाए, उनको सरकारी स्टाफ के लोग धमका रहे है। साथ ही उनको प्रताड़ित किया जा रहा है।
पिछले कुछ दिनों पहले इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संदेशवाहक को मारने से क्या होगा। अपनी दशा सुधारिए। ऐसे लोगों का समर्थन कीजिए ना कि प्रताड़ना। आप सच्चाई को दबा नहीं सकते। आपने अस्पताल की दयनीय स्थिति का वीडियो बनाने वाले डॉक्टर को निलंबित क्यों किया?
बता दे, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या देश में तेजी से बढ़ती ही जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 10,974 नए मामले सामने आए हैं और 2,003 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 3,54,065 हो गई है, जिनमें से 1,55,227 सक्रिय मामले हैं, 1,86,935 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 11,903 लोगों की मौत हो चुकी है।
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