कभी गीता के लिए बनीं ‘कृष्ण’, तो कभी जरूरतमंदों के लिए मसीहा, ऐसी है सुषमा दीदी की दरियादिली की दास्तान

सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj Initiative Help Needy one) भले हमारे बीच ना हों, लेकिन उनकी दरियादिली के किस्से सदियों तक याद रहेंगे। उन्होंने कई जरूरतमंदों की मदद की थी। आईए जानते हैं सुषमा स्वराज के दरियादिली के ऐसे ही किस्से।

सुषमा स्वराज ने कई जरूरमंदों की मदद की थी(फोटो:ट्विटर)

सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj)….ये नाम सुनते ही हर किसी के सामने एक ऐसी हस्ती का चेहरा आ जाएगा, जिन्होंने अपनी शानदार राजनीतिक पारी के साथ ही कई ऐसी पहल को अंजाम दिया जो शायद अब तक किसी नेता ने किया हो। बीती रात दिल का दौरा पड़ने से पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया। सुषमा स्वराज ट्विटर पर काफी एक्टिव रहती थीं। ट्विटर पर उनका एक अलग अंदाज ही देखा जाता था।

ट्विटर पर सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj Initiative) के 1 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स थे और वो दुनिया की सबसे चर्चित महिला नेता में से एक थीं। ट्विटर के जरिए उन्होंने करीब देश-दुनिया में 80 हजार लोगों की मदद की। लोगों की एक गुहार पर ये उनके मदद के लिए खड़ी हो जाती थीं। उनकी मदद की वजह से ही किसी की वतन वापसी हुई, तो कोई अपने बच्चे का इलाज कराने में सफल रहा।

वो जरूरतमंदों के लिए कितना सोचती थीं इस बात का अंदाजा 2017 में उनके एक ट्वीट से लगाया जा सकता है जब उन्होंने कहा था कि अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे होंगे तो भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा। भले आज सुषमा स्वराज हमारे बीच ना हों, लेकिन अपने दरियादिली और काम के लिए हमेशा याद की जाएंगी। आईए जानते हैं उनकी दरियादिली के कुछ किस्से।

1. 26 अक्टूबर 2015 को सुषमा स्वराज के ही प्रयास थे कि पाकिस्तान से अपने देश यानी इंडिया में अरसे बाद गीता (Sushma Swaraj Helps Geeta) की वापसी हुई थी। आपको बता दें कि गीता बोल और सुन नहीं सकती है। आपको बता दें कि गीता जब 7 साल की थीं तब भटककर पाकिस्तान जा पहुंची थी जहां ईदी फाउंडेशन उनकी देखरेख कर रहा था । सुषमा स्वराज ने ना सिर्फ गीता की वतन वापसी कराई, बल्कि मां-बाप की तलाश करने में भी मदद की थी।

सुषमा स्वराज ने इस मामले में ट्विटर पर लोगों से अपील करते हुए कहा था कि जो भी गीता के मां-बाप हैं सामने आएं। उन्होंने कहा था कि वो इस बेटी को बोझ नहीं बनने दूेंगी और उसकी शादी, पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी उठाएंगी। ये उनकी कोशिशें ही थी कि उन्होंने गीता की वतन वापसी के साथ ही उसके मां-बाप को भी ढूंढ निकाला था।

2. 2017 में रावलपिंडी की रहने वाली सिद्रा रफीक ने ट्वीटर पर एक पोस्ट करके बताया था कि उनकी शादी दिल्ली में होने वाली है और उन्होंने वीजा के लिए अप्लाई किया है। लेकिन वीजा में वक्त लग रहा है और इस वजह से उनकी शादी की डेट दो बार टल चुकी है। वीजा में वक्त लगने की वजह से उनकी फैमिली की उम्मीदें अब टूट रही हैं। सिद्रा ने सुषमा स्वराज से ट्विटर पर मदद मांगी थी। इस पर सुषमा स्वराज ने रिप्लाई देते हुए कहा था कि हम बेटियों और बहुओं का वीजा कभी इंकार नहीं करते हैं और तुम्हें वीजा जरूर मिलेगा।

3. सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में जबरन शादी का शिकार हुईं भारतीय नागरिक उज्मा अहमद को अपने देश वापस लाने में भी मदद की थी। उज्मा ने इस्लामाबाद के हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने वतन लौटने की इजाजत मांगी थी क्योंकि पहली शादी से हुई उनकी बेटी भारत में थी और एक गंभीर बीमारी का शिकार थी। लेकिन उज्मा को जब इसमें नाकामयाबी मिली, तो उन्होंने सुषमा स्वराज से मदद मांगी और इसमें सफल रहीं। बाद में उज्मा ने सुषमा स्वराज की इसके लिए काफी तारीफ की थी।

4. 2016 में सुषमा स्वराज ने ब्रिटिश कपल क्रिस न्यूमैन और मिशेल की भी मदद की थी। दरअसल ये कपल इंडिया अपनी 5 महीने की बेटी के इलाज के लिए आया था। लेकिन इलाज पूरा होने से पहले उनका वीजा एक्सपायर हो गया। लाख कोशिशों के बाद उनका वीजा रिन्यू नहीं हो पा रहा इसके बाद सुषमा स्वराज ने ब्रिटिश सरकार से बातचीत करते हुए इस कपल का वीजा रिन्यू कराने में मदद की।

5. सुषमा स्वराज ने इराक में फंसी नर्सों को वहां से सुरक्षित निकाला था। इतना ही नहीं, कुवैत और दुबई में काम के बहाने धोखा खाने वाले मजूदरों की भी उन्होंने काफी मदद की थी।

6. 2017 में इजिप्ट की रहने वाली दुनिया की सबसे ज्यादा वजन वाली महिला को सुषमा स्वराज ने वीजा दिलाने में मदद की थी, ताकि वो इंडिया में आकर अपनी सर्जरी करा सके।

7. 2017 में ही ट्विटर पर एक पाकिस्तानी परिवार ने अपने ढाई साल के बेटे के इलाज के लिए सुषमा स्वराज से मेडिकल वीजा की गुहार लगाई थी, क्योंकि उसका इलाज पाकिस्तान में नहीं हो पा रहा था। इस ट्वीट का रिप्लाई देते हुए सुषमा स्वराज ने उन्हें ये यकीन दिलाया कि उनके बच्चे सही इलाज जरूर होगा और इसे लेकर उन्होंने उनकी काफी मदद की थी।

8. 2017 में सुषमा स्वराज ने आंध्र प्रदेश की 70 साल की सुब्बालक्ष्मी की भी मदद की थी जिन्होंने अपनी दो विकलांग बेटियों के लिए पासपोर्ट बनवाने के लिए गुहार लगाई थी। सुब्बालक्ष्मी ने बताया था कि उनकी दोनों बेटियां अभी तक पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर पाई हैं, क्योंकि पासपोर्ट का ऑफिस उनके घर से 110 किलोमीटर दूर है और पासपोर्ट के आवेदन के लिए उनकी बेटियों को शारीरिक रूप में मौजूद रहना जरूरी है। सुषमा स्वराज ने यकीन दिलाया था कि उनका पासपोर्ट उनके घर तक पहुंच जाएगा।

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वीडियो में देखिए सुषमा स्वराज के अनसुने किस्से…

जागृति प्रिया :मुझे एंटरटेंमेंट, लाइफस्टाइल, हेल्थ, ट्रेंड और ब्यूटी की खबरें लिखना पसंद है। पाठकों को इनसे जुड़ी खबरों से अवगत कराती हूं। मैंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी से मास्टर इन जर्नलिज्म किया है।