Vivekananda Jayanti 2020: स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। बचपन में उनका नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। “स्वामी विवेकानंद” नाम उनको उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था। स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिक गुरु तथा समाज सुधारक थे। स्वामी विवेकानंद ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने हिन्दू धर्म में काफी सुधार किये है। वे हमेशा से विद्द्यार्थीयों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। चलिए इस लेख के माध्यम से हम स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचारों को जानते है।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार यहां पढ़े:
1. उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
2. कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।
3. तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।
4. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
5. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
6. “जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।
7. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
8. शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं
9. कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें।
10. बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।
11. हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे।
12. विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
13. दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
14. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
15. जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।