आज से नवरात्रि (Navaratri) की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि (Navaratri)के नौ दिन नौ देवियों की पूजा की जाती है। मार्कंडेय पुराण के अनुसार इन नौ शक्तियों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के नाम शामिल हैं। इन दिनों देवी दूर्गा की भी पूजा और अर्चना पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। इस बार के नवरात्रि (Navaratri) में आपको किस देवी की कौन से दिन पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलेगा, इसके बारे में हम बताने जा रहे हैं।
नवरात्रि (Navaratri) के पहले दिन मां शैलपुत्री और मां ब्रह्मचारिणी दोनों की पूजा एक साथ की जाएगी। शैलपुत्री देवी को मां पार्वती के रूप में भी देखा जाता है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने की वजह से उनका नाम शैलपुत्री रखा गया था।
नवरात्रि (Navaratri) के दूसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा और तीसरे दिन कुष्मांडा देवी की आराधना की जाएगी। वहीं, चौथे दिन स्कंद माता जो बुद्धि की देवी मानी जाती हैं उनकी पूजा होगी। पांचवें दिन कात्यायनी देवी, छठे दिन कालरात्रि देवी, सातवें दिन महागौरी देवी और आठवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाएगी।
जो लोग नवरात्रि (Navaratri) के व्रत हर बार रखते हैं उन्हें इससे जुड़ी सभी बातों के बारे में अच्छी से जानकारी होगी। लेकिन जो लोग पहली बार नौ देवियों के नाम का व्रत रखने जा रहे है उन्हें कई बातों का ध्यान रखना होगा ताकि मां दुर्गा आपसे नाराज न हो। आइए जानते हैं उन कामों के बारे में जिन्हें आपको नवरात्रि के समय नहीं करना चाहिए।
नवरात्रि के नौ दिन आप दाढ़ी मूंछ और बाल बिल्कुल भी नहीं कटवा सकतें।
यदि आप इन दिनों बच्चों का मुंडन कराते हैं तो ऐसा करना शुभ हो सकता है।
इस दिन आप नॉन वेज, लहसुन और प्याज आदि न खाएं।
व्रतधारी नौ दिनों तक काले कपड़े न पहनें और न ही नाखून काटें।
यदि आप नवरात्रि के नौ दिन घर में कलश स्थापना किए हैं, माता की चौकी बैठा रहे हैं और अखंड ज्योति जला रहे हैं। ऐसे में इन दिनों अपने घर को खाली छोड़कर न जाएं और न ही उसे बंद रखें।
नवरात्रि (Navaratri) के दिन शराब या धूम्रपान न करें।
व्रत में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ये जानकारी देने के बाद अब हम आपको बताने जा रहें है नवरात्रि (Navaratri) में पूजा करने की विधि। इसके लिए सुबह जल्दी उठ के नहा कर घर में बने मंदिर की सफाई करें। इस दौरान पूरे घर में गौमूत्र और गंगाजल छिड़के। देवी मां की तस्वीर या फिर मूर्ति को साफ पानी या फिर दूध से स्नान करवाएं। बाद में मां को कुमकुम या चंदन का टिका लगाएं और फूल चढ़ाएं। बाद में भोग के तौर पर उन्हें कोई भी मिट्ठी चीज चढ़ाएं और आरती करें। इस बात का जरुर ध्यान रखें की नवरात्रि (Navaratri) के पूरे नौ दिनों तक दीया बुझना नहीं चाहिए।
इसके बाद बारी आती है व्रत करने की विधि के बारे में जानने की। व्रत करने से पहले मां की पूजा जरूर करें। पूजा करने के बाद ही दूध या फिर कोई फल खाएं। लेकिन याद रहें इस दौरान आप नमक नहीं खा सकते। दिनभर मां का ध्यान करते रहें और शाम के वक्त मां की पूजा जरूर करें। मां का आशीर्वाद लेने के बाद ही अपना व्रत खोलें। मां की पूजा करने के बाद नवरात्रि (Navaratri) के दिनों में रोज एक कन्या यानी किसी छोटी बच्ची की पूजा करें और उसे खाना खिलाए। इसके साथ ही दक्षिणा भी दें। पूरे दिन व्रत के समय किसी से झूठ न बोलें, किसी की बुराई न करें और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें।
नवरात्रि (Navaratri) के आखिरी में अष्टमी और नवमी पूजी जाती है। इसको लेकर भी कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। कह जाता है कि बिना कन्या पूजन किए नवरात्रि में रखें व्रत का फल नहीं मिलता। क्योंकि कन्या ही देवी का स्वरुप होती हैं। ऐसे में कन्या पूजन में आप 9 कन्याओं को बैठाएं और उनका पूजन भी करें।
इन कन्याओं का पूजन ऐसे करें। सभी 9 कन्याओं के पैर पानी से धोएं। ऐसा करने से आपके पाप धूल जाते हैं। फिर उन्हें तिलक लगाए और रक्षासूत्र बांधे। इसके साथ ही कंजक में कन्याओं को पूरी, हलवा, चना का भोजन परोसें। बाद में उन्हें कुछ मिठाई भी दें और कुछ पैसे या फिर कपड़े देकर उनके चरणस्पर्श कर कन्याओं को विदा करें।
सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।