Union Budget 2020: केंद्रीय बजट 2020 शनिवार 1 फरवरी 2020 को पेश किया जाएगा। इस बार आम जनता की निगाह सिर्फ बजट पर ही है कि इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट में क्या पेश करेंगी। इस बजट में बहुत कुछ ख़ास होनी की उम्मीद की जा रही है। वहीं बजट से जुड़ी कुछ अहम बातें आप इस रिपोर्ट में पढ़ सकते हैं।
1. महंगाई दर
बजट के दौरान इन्फ्लेशन शब्द का कई बार जिक्र किया जाएगा। जिसका मतलब महंगाई दर से है। इसे पर्सेंट में व्यक्त किया जाता है। महंगाई दर बढ़ने को सरल भाषा में हम ऐसे समझ सकते हैं कि करेंसी की वैल्यू गिर रही है जिससे खरीदने की क्षमता घट जाती है। दिसंबर में यह रीटेल (इन्फ्लेशन) पांच सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। खरीदने की क्षमता घटने का मतलब मांग में कमी आना।
2. रेवेन्यू डेफिसिट
केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष कमाई का एक लक्ष्य निर्धारित करती है। अगर कमाई उम्मीद से कम होती है तो इसे रेवेन्यू डेफिसिट कहते हैं। रेवेन्यू डेफिसिट का मतलब सरकार ने वित्त वर्ष के दौरान ज्यादा तेजी से खर्च किया। दूसरे शब्दों में सरकार ने जरूरी खर्च के लिए कम से कम कमाई नहीं की।
3. करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD)
यह शब्द ट्रेड के लिहाज से बहुत मायने रखता है। जब एक देश द्वारा गुड्स और सर्विस की इंपोर्ट वैल्यू एक्सपोर्ट्स के बढ़ जाती है तो उसे करंट अकाउंट डेफिसिट कहा जाता है। इसका असर देश के बैलेंस पेमेंट पर होता है साथ ही CAD बढ़ने से करेंसी की वैल्यू घटती है।
बजट को लेकर जरुरी बातों में से एक ये भी है कि बजट मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। बैलेंस बजट, जिसमें केंद्र सरकार की कमाई और खर्च बराबर होता है। सरप्लस बजट में सरकार की कमाई खर्च से ज्यादा होती है। वहीं डेफिस्ट बजट, जिसमें सरकार की कमाई खर्च से कम होती है। डेफिसिट को जीडीपीए के मुकाबले पर्सेंट में दर्शाया जाता है।
4. जीडीपी (GDP)
बजट और अर्थव्यवस्था के लिहाज से जीडीपी सबसे महत्वपूर्ण शब्द है। देश द्वारा एक वित्त वर्ष में कितने वैल्यू की गुड्स और सर्विस पैदा की गई उसे जीडीपी कहते हैं। खर्च के लिहाज से- कंज्यूमर द्वारा, बिजनस द्वारा और सरकार द्वारा जितनी रकम खर्च की गई है उसे जोड़ने पर जीडीपी निकलता है।