प्यार नहीं बल्कि इस दर्दनाक वजह के चलते मनाया जाता है वेलेंटाइन डे, जानिए इसके पीछे की असली कहानी

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन को मनाने के पीछे कई काहनियां छुपी हुई है। उन्हीं में से एक है ये कहानी, जिसमें 270 ईसवी समय की बात का जिक्र किया गया है। जिसमें एक राजा के आत्याचार को दिखा गया है।

वेलेंटाइन डे (साभार- इंस्टाग्राम)

14 फरवरी का दिन लोग प्यार करने वाले दिन के रुप में मनाते हैं। इस दिन लव पार्टनर अपने प्रेम को एक दूसरे के लिए जताते हुए नजर आते हैं। इस दिन का बेसब्री से इतंजार किया जाता है। हर वर्ग और उम्र के लिए लोग इसे सेलिब्रेट करते है। वेलेंटाइन डे को पूरे विश्वभर में प्रेम दिवस के रुप में लोग मनाते हैं, सभी को लगता है कि ये दिन प्यार करने के लिए ही बना है, लेकिन असल में लोगों को इसके पीछे की कहानी शायद ही पता होगी।

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन को मनाने के पीछे कई काहनियां छुपी हुई है। उन्हीं में से एक है ये कहानी, जिसमें 270 ईसवी समय की बात का जिक्र किया गया है। रोमन साम्राज्य के अंदर क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय नाम का एक राजा हुआ करता था। जो कि प्रेम से भरे रिश्तों और शादी का पूरजोर तरीक से विरोध किया करता था। राजा का यह मानना था कि शादी और प्यार के चलते सैनिक अपना असली मकसद भूल जाते हैं।

ऐसे में राजा ने सैनिकों के विवाह करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी। राजा के इस फैसले के खिलाफ उसी राज्य में रहने वाले संत वेलेंटाइन ने आवाज उठाई। उनके द्वारा विरोध किए जाने पर क्लाउडियस ने उन्हें मौत के घाट उतरवा दिया, जिस दिन उन्हें मौत दी गई वो  दिन 14 फरवरी का दिन था। इसी वजह से उस दिन को वेलेंटाइन डे के तौर पर मनाया जाता है।

इसके साथ कुछ इतिहासकार का मानना है कि वेलेंटाइन को जेल के अंदर बंद करवा दिया गया था। जहां से उन्होंने जेलर की बेटी को एक लेटर लिखा था। लेटर में अपनी बात कहने के बाद उन्होंने ‘फ्रॉम योर वेलेंटाइन’ लास्ट में लिखा था। वहीं, एक ब्रिटिश वेबसाइट के हिसाब से जेलर की बेटी की आंखों में रोशनी नहीं थी, लेकिन संत वेलेंटाइन की वजह से उसकी आंखों की रोशनी वापस आ गई। ऐसी ही गई कहानी इस दिन से जुड़ी हुई है।

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प्यार का खूबसूरत एहसास

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दीपाक्षी शर्मा :सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।