Viral Post: फेसबुक पोस्ट से फेमस हुई वंदना सूफिया बोलीं- बच्चे के परफॉर्मेंस को जज नहीं कर सकता रिपोर्ट कार्ड

दिल्ली में रहने वाली एक मां वंदना सूफिया कटोच का पोस्ट सोशल मीडिया (Vandana Sufia Katoch Facebook Post) पर वायरल हो गया है। उनके बेटा आमेर 10वीं क्लास के सीबीएसई के एग्जाम में 60 प्रतिशत नंबर लाया है।

अपने बेटों के साथ वंदना सूफिया कटोच। (फोटोः वंदना सूफिया कटोच फेसबुक)

दिल्ली में रहने वाली एक मां वंदना सुफिया कटोच का पोस्ट सोशल मीडिया (Vandana Sufia Katoch Facebook Post) पर वायरल हो गया है। उनके दो बेटे हैं। उन्होंने अपने बेटे आमेर पर गर्व करते हुए एक पोस्ट लिखा। आमेर 10वीं क्लास के सीबीएसई के एग्जाम में 60 प्रतिशत नंबर लाया है। महिला के बेटे मार्क्स उतने नहीं आए, जितनी उन्होंने उम्मीद की थी। लेकिन वह खुश हैं। उन्होंने ये खुशी फेसबुक पोस्ट के जरिए जाहिर की। उनकी फेसबुक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोगों ने उनकी और उनकी सोच की काफी तारीफें भी की।

सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने और उनके विचारों को देखते हुए इंडियन एक्स्प्रेस ने वंदना सूफिया कटोच (Vandana Sufia Katoch Interview) का इंटरव्यू लिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह अपने स्कूल की टॉपर रही हैं। लेकिन उन्होंने टॉपर्स के अलावा अन्य एस्पेक्ट भी देखे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि 10वीं क्लास के नंबर किसी के सपने को बहुत कम प्रभावित करते हैं। वह जानती है कि उनके बच्चे में कितनी क्षमता है। स्कूल की रिपोर्टकार्ड उनके बच्चे को जज नहीं कर सकता है। उसकी कुछ कमजोरियां भी है। आमेर (बेटे) का स्कूल काफी सपोर्टिव रहा है। उसे वो मंच दिया है, जिसमें वो अपनी रचनात्मकता दिखा सकता है। वह सिर्फ साइंस या मैथ्स पर फोकस न करें बल्कि उस पर फोकस करे जो जरूरी है।

वंदना सूफिया कटोच का वायरल पोस्ट

मैं अपने बेटे पर काफी गर्व महसूस कर रही हूं। जिसने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। ये 90 प्रतिशत मार्क्स नहीं हैं, लेकिन मेरी भावनाएं नहीं बदली हैं। मैंने अपने बेटे का संघर्ष देखा है, जहां वह कुछ विषयों को छोड़ने की स्थिति में था। जिसके बाद उसने पढ़ाई को लेकर काफी संघर्ष किया। बेटा आमेर- जैसे मछलियों से पेड़ों पर चढ़ने की अपेक्षा की जाती है लेकिन उसके ठीक उलट तुम अपने ही दायरे की भीतर ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल करो। तुम मछली की तरह पेड़ पर तो नहीं चढ़ सकते, लेकिन बड़े समुद्र को अपना लक्ष्य बना सकते हो। मेरा प्यार तुम्हारे लिए। अपने भीतर अच्छाई, जिज्ञासा और ज्ञान को हमेशा जीवित रखो।

वंदना सूफिया कटोच ने कहा कि अच्छे कॉलेज में बच्चों के एडमिशन मार्क की वजह से नहीं होता है। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे कई रास्ते हैं जो बच्चे खोज सकते हैं। अगर उनके पास आत्मविश्वास है और उनके पेरेंट्स का समर्थन है, तो वह कुछ भी कर सकते हैं। यह युवा होने का एक शानदार समय है। उन्होंने कहा कि आमेर के मामले में, वह एक पढ़ाकू लड़का है और अच्छी तरह से लिखता भी है, लेकिन अभी तक बहुत अनुशासित नहीं हैं पर उसके पास अच्छा सेंस ऑफ ह्यूमर है।

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रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।