देशभर में आज धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2019) मनाई जा रही है। यह ऐसा त्योहार है जब मथुरा-वृंदावन बांके बिहारी की भक्ति में रंगा नजर आता है। श्रद्धा का अनूठा रंग पूरे देश पर चढ़ा होता है। कान्हा के जन्मोत्सव पर मथुरा नगरी के सभी प्रसिद्ध मंदिरों का खास श्रृंगार किया गया है। क्या आप जानते हैं कि वृंदावन में दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर चंद्रोदय मंदिर (Vrindavan Chandrodaya Mandir) का निर्माण हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा चंद्रोदय मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है। करीब 800 करोड़ की लागत से बन रहा यह मंदिर 65 एकड़ के दायरे में होगा। मंदिर की संरचना 5 एकड़ में होगी। चंद्रोदय मंदिर 70 मंजिला ऊंचा होगा यानी इसकी लंबाई कुतुबमीनार से भी तीन गुना ज्यादा होगी। 16 नवंबर, 2014 को इस्कॉन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसकी आधारशिला रखी थी।
2022 तक बनकर तैयार होगा चंद्रोदय मंदिर
साल 2022 तक चंद्रोदय मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और इसे जनमानस के लिए खोल दिया जाएगा। इस मंदिर को बनाने में करीब एक हजार मजदूर लगाए गए हैं। इस मंदिर परिसर में कृष्ण लीला पार्क का भी निर्माण कराया जा रहा है। इस पार्क में 4डी की तकनीक की मदद से श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की अनगिनत लीलाओं के बारे में बताया जाएगा। साथ ही उनके जीवन का भी वर्णन किया जाएगा।
एम्यूजमेंट पार्क की तरह बनाया जा रहा है चंद्रोदय मंदिर!
बताया जा रहा है कि चंद्रोदय मंदिर को किसी एम्यूजमेंट पार्क की तरह बनाया जा रहा है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा राक्षसों का संहार करते हुए कई प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। विशेष कारीगरों की टीम इन सजीव दिखने वाली प्रतिमाओं का निर्माण करेगी। इसके हॉल में एक समय पर पांच हजार लोगों के खड़े होने की व्यवस्था होगी यानी इतने लोग आसानी से बांके बिहारी के दर्शन कर सकेंगे। चंद्रोदय मंदिर में भागवत गीता का पाठ होता रहेगा।
कैप्सूल एलिवेटर भी होगी चंद्रोदय मंदिर की खासियत
मंदिर के पास यमुना क्रीक भी बनाया जा रहा है। मंदिर का खास आकर्षण कैप्सूल एलिवेटर होगा। पिछले साल मंदिर के निर्माण को लेकर एक विवाद भी सामने आया था। अदालत में याचिका दाखिल कर मंदिर के निर्माण कार्य को रोकने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया था कि वृंदावन नगरपालिका की विवादित जमीन पर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने मंदिर परिसर में बनाई जा रही कृत्रिम नदी पर भी आपत्ति जताई थी। ‘एनजीटी’ ने इस मामले में ‘इस्कॉन’ और केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से जवाब तलब किया था।
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