Selfie Day: ये सेल्फी देखकर हो जाएंगे आप भी हैरान, जानिए कब से बना ट्रेंड और कहां से हुई इसकी शुरुआत

आज वर्ल्ड सेल्फी डे है। आज लोग इसका सेलिब्रेशन कर रहे हैं। लोग अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। कोई कहीं भी जा रहा है, बैठा है, खड़ा है या कुछ भी कर रहा है, सेल्फी ली सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी।

सेल्फी डे पर सेल्फी लेती हुई स्वीडिश महिला। (फोटोः स्विट्जरलैंड टूरिज्म)

टेक्नोलॉजी के अविष्कार ने विश्व को काफी करीब ला दिया है, लेकिन अब भी करोड़ों लोग है जो अपने आप से प्यार करते हैं। कई सोशल मीडिया एप्स हैं जिसका इस्तेमाल हम लोग करते हैं और अपडेट रहते हैं, हमारे पास अब स्मार्टफोन भी है। लेकिन हरा कोई किसी एप से ज्यादा सेल्फी लेने पसंद करता है और उसे एन्जॉय करता है। कोई कहीं भी जा रहा है, बैठा है, खड़ा है या कुछ भी कर रहा है, सेल्फी ली सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। कोई फिल्टर के साथ सेल्फी शेयर करता है तो कोई बिना फिल्टर के।

आज वर्ल्ड सेल्फी डे (World Selfie Day)  है। आज लोग इसका सेलिब्रेशन कर रहे हैं। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि पहली बार सेल्फी कब सामने आई थी। सेल्फी का शब्द का पहली बार नाम साल 2002 में उस वक्त आया, जब एक ऑस्ट्रेलियाई शख्स ने सार्वजनिक तौर पर अपने होंठ की फोटो पोस्ट की। इस फोटो में वह उसके होंठ पर लगे टांकों को लेकर एडवाइस मांग रह था। उसकी एक पब में लड़ाई हो गई थी। इसी घटना से सेल्फी शब्द का चलन शुरू हुआ और लोग अपने कैमरा फोन और अब स्मार्टफोन से सेल्फी (Best Selfie Form Mobile) लेने लगे।

यहां देखिए कुछ बेहतरीन सेल्फी-

मोबाइल कंपनिया देने लगी सेल्फी कैमरा

मोबाइल कंपनियों ने भी स्मार्टफोन में सेल्फी कैमरा (Best Selfie Camera Phone) देना शुरू कर दिया है और अब ये सेल्फी कैमरा मोबाइल के रेयर कैमरा से भी ज्यादा पिक्सल होता है, जिससे की लोग अपनी सेल्फी को बेहतर तरीके से ले पाएं। आज लोग अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। लेकिन अपनी अगली सेल्फी लेने से पहले यहां कुछ इंटेरेस्टिंग और हिलेरियस सेल्फी देख लें।

यहां देखिए कुछ शानदार और हिलेरियस सेल्फी-

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।