पतंजलि के कारोबार की सफलता के बारे में जानकार हैरान हो जाएंगे आप, 8 हजार करोड़ से ज्यादा का है बिज़नेस

पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) ने कोरोना संक्रमण की दवा खोज लेने का दावा गया है। इस दवा को 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronanil Tablet) नाम दिया गया है।

पतंजलि के कारोबार की सफलता के बारे में जानकार हैरान हो जाएंगे आप

Patanjali Coronil Tablet: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurved Limited) भारत प्रांत के उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में स्थित आधुनिक उपकरणों वाली एक औद्योगिक इकाई है। इस औद्योगिक इकाई की स्थापना शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खनिज और हर्बल उत्पादों के निर्माण हेतु की गई है। अब हालही में ऐसी खबर सामने आ रही है जिसमे पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) ने कोरोना संक्रमण की दवा खोज लेने का दावा गया है। इस दवा को ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronanil Tablet) नाम दिया गया है।

 

बाबा रामदेव (Baba Ramev) ने कहा कि पतंजलि ने खतरनाक वायरस के इलाज के लिए इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार किया है। उन्होंने मंगलवार को हरिद्वार में इस दवा को लॉन्च किया। उन्होंने बताया कि इस दवा का सेवन करने पर रोगी पांच से 14 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है। इससे कंपनी को बड़ा कारोबार मिलने की उम्मीद है। वास्तव में पिछले दशकों की बात की जाए तो पतंजलि की कारोबारी सफलता किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसका कारोबार 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है।

 

आपको बता दे, असल में यह चमत्कारिक इस वजह से माना जाता है क्योंकि पतंजलि अभी करीब 14 साल पहले गठित कंपनी है और इसने भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में दशकों से जमे आईटीसी, हिंदुस्तान लीवर, डाबर जैसी दिग्गज देसी-विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर दी है।

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना साल 2006 में की गई और स्थापना के बाद से इसने जो तेज रफ्तार पकड़ी उसने लोगों को हैरान कर दिया। बाबा रामदेव की अपनी योग गुरु की प्रतिष्ठा और स्वेदशी और आयुर्वेद के भरोसे की वजह से पतंजलि के उत्पादों पर भरोसा रखा और उसे ख़रीदा भी। यह देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स यानी एफएमसीजी कंपनी बन गई। इसका मुख्यालय हरिद्वार में है और कई शहरों में इसके प्लांट हैं।

कितना है कारोबार

योग गुरु बाबा रामदेव के मार्गदर्शन और आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में चलने वाले पतंजलि ने वित्त वर्ष 2018-19 में 8,330 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। हालांकि इसके पहले 2016-17 में पतंजलि 10,561 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ अपने शिखर पर पहुंच थी। पतंजलि के उत्पादों में टूथपेस्ट, साबुन, आटा, नूडल्स, परिधान से लेकर दवाइयां तक शामिल हैं। आएदिन पतंजलि नई चीज़ों का आविष्कार करता रहता है।

हाल के वर्षों में हिंदुस्तान लीवर, डाबर, आईटीसी जैसी दूसरी दिग्गज कंपनियों ने भी आयुर्वेद के ब्रांड्स की जबरदस्त ब्रांडिंग की है जिसकी वजह से पतंजलि के कारोबारी रफ्तार में थोड़ी कमी आ गई। पतंजलि के बहुत से स्टोर बंद भी हुए हैं। पतंजलि के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने यह स्वीकार किया था कि आगे का रास्ता इतना आसान नहीं है। बिजनेस टुडे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘अगले चरण का ग्रोथ इतना आसान नहीं होगा हमें इसके लिए अपना सप्लाई चेन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क मजबूत करना होगा। पहले 5000 करोड़ कारोबार तक हमारा पहुंचाना आर्गेनिक ग्रोथ के रूप में था क्योंकि हमारे उत्पाद सीधे उन लोगों तक पहुंचते थे जो हमें जानते थे। अब और मेहनत करके हमें और भी लोगों तक पहुंचना होगा।

वित्त वर्ष 2019-20 में 25 हजार करोड़ के कारोबार का दावा

पतंजलि ने अभी वित्त वर्ष 2019-20 के नतीजे जारी नहीं किए हैं, लेकिन कुछ महीने पहले कंपनी ने यह दावा किया था कि 2019-20 में 25,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर सकती है।

असल में पतंजलि ने हाल ही में कर्ज में डूबी रुचि सोया का अधिग्रहण किया है। इसके बाद बाबा रामदेव ने कहा था कि कंपनी मार्च 2020 को खत्म होने वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ का ज्वाइंट टर्नओवर प्राप्त करेगी, जिसमें करीब 12,000 करोड़ का योगदान पतंजलि ग्रुप की ओर से और 13,000 करोड़ का योगदान रुचि सोया की ओर से होगा।

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