क्या एकता कपूर के स्मृति ईरानी से शिकायत के बाद पहलाज़ निहलानी हुए CBFC से बर्खास्त?

प्रसून जोशी अब पहलाज निहलानी की जगह सीबीएफसी प्रमुख बन गए हैं|

प्रसून जोशी अब पहलाज निहलानी की जगह सीबीएफसी प्रमुख बन गए हैं|

जबसे CBFC प्रमुख की जगह से पहलाज़ निहलानी को बर्खास्त किया गया है तब इस खबर से कुछ लोग चौंक गए वहीँ इंडस्ट्री के कुछ लोगों को राहत भी मिली|

कई लोग सोच रहे थे कि आखिर निहलानी के त्यागपत्र का वास्तविक कारण क्या होगा, किसने उनकी शिकायत सूचना और प्रसारण मंत्रालय से की? एक अग्रणी दैनिक के अनुसार, यह टेलीविज़न रानी और निर्माता एकता कपूर की शिकायत थी जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया|

इसके बारे में बात करते हुए एक सूत्र ने बताया, “बहुत लंबे समय के लिए, एकता निहालानी के जयादा ईगो और एटीत्युड से परेशान थी| ऐसे में जैसे कि एकता के भाग्य ने उनका साथ दिया , एकता की पुरानी दोस्त स्मृति ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी वक़्त जब लिपस्टिक अंडर माय बुरखा को मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए दिया गया था। जब फिल्म को सीबीएफसी ने रिलीज़ होने से मना कर दिया तब एकता ने नए आई एंड बी मंत्री से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। ”

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पिंकविला के साथ एक विशेष बातचीत में, निहलानी ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “मुझे इसके बारे में पता नहीं था कि मुझसे चार्ज वापस ले लिया गया है मुझे मीडिया से ये बात पता चली कि अब किसी और को नियुक्त किया गया है – मुझे मीडिया के माध्यम से पता चल रहा है। मुझे कुछ नहीं कहना है और मैं भारत सरकार के आदेशों का सम्मान करता हूं। ”

उन्होंने कहा, “मैं इसकी वजह से नाराज नहीं हूं। फिल्म उद्योग का 98% मेरे काम से खुश था, यह सिर्फ 2% ही नाखुश था, लेकिन मैं उन्हें शुभकामना देता हूं| और हर किसी के काम में अच्छे या बुरे की पहचान होती है| उन्हें मजे करने दो, जो प्रोड्यूसर्स सोचते हैं कि मैंने अच्छा काम नहीं किया है| मेरी उनके साथ कोई डायरेक्ट बात नहीं हुई है| यह सरकार का निर्णय है। मैं यहां स्थायी रूप से नहीं आया था। जो भी जिम्मेदारियां मुझे दे दीं, मैंने यह सब ईमानदारी और पूरी तरह से किया। मेरे स्टाफ ने मुझे समर्थन दिया और सीबीएफसी भ्रष्टाचार मुक्त हो गया और मेरे निर्देशन में ऑनलाइन सर्टिफिकेशन भी ट्रांसपैरेंट हो गया|”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने यह पहले भी सिफारिश की है कि हमारे पास एक निश्चित रेटिंग पैमाना होना चाहिए| सरकार ने कुछ नया नहीं किया है, अगर वे कुछ करना चाहते हैं, तो उन्होंने मेरे अनुरोध की बात सुनी होगी। मैंने नियम पुस्तिका को अपनाया है जिसे उन्होंने सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन का नाम दिया है। मेरी टीम के सदस्यों ने और मेरे साथ इसका पालन किया। पहले वाले सदस्यों ने इसका पालन नहीं किया। मैंने इसे लागू किया है। ”

श्रेया दुबे :खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।