‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में पारुल चौहान को इस अभिनेत्री ने किया रिप्लेस, कुमकुम सीरियल में आ चुकी हैं नजर

नियति जोशी इससे पहले सात फेरे और कुमकुम; एक प्यारा सा बंधन जैसे सीरियल में नजर आ चुकी हैं। नियति अब 'ये रिश्ता क्या कहलता है' में सुवर्णा के किरदार में नजर आएंगी। इस सीरियल में काम करने को लेकर नियति जोशी काफी उत्साहित हैं

नियति जोशी बनेगी सुवर्णा

टीवी एक्ट्रेस पारुल चौहान स्टार प्लस के सीरियल ‘ ये रिश्ता क्या कहलता हैं’ से बाहर हो गई हैं। इस सीरियल में पारुल चौहान सुवर्णा गोणिका के रोल में नजर आती थी। लेकिन अब आनेवाले ट्रैक में वह दादी मां के किरदार में नजर आने वाली थी।, जिस कारण एक्ट्रेस ने इस सीरियल से अलग होने का फैसला लिया।हाल ही में आई खबरों के अनुसार अब इस सीरियल में पारुल चौहान की जगह एक नई अभिनेत्री नजर आएगी , जिसका नाम नियति जोशी हैं।

नियति जोशी इससे पहले सात फेरे और कुमकुम; एक प्यारा सा बंधन जैसे सीरियल में नजर आ चुकी हैं। नियति अब ‘ये रिश्ता क्या कहलता है’ में सुवर्णा के किरदार में नजर आएंगी। इस सीरियल में काम करने को लेकर नियति जोशी काफी उत्साहित हैं। अभिनेत्री इस सीरियल की शूटिंग आने वाले 10 -15 दिनों में शुरू कर देंगी। नियति ने इसके बारे में बात करते हुए अपनी ख़ुशी का इज़हार किया।

नियति जोशी ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए कहा, ‘हां मैं ‘ये रिश्ता क्या कहलता हैं’ सीरियल में सुवर्णा की भूमिका में नजर आउंगी। मैं काफी खुश हूं कि पिछले 10 सालों से आनेवाले सीरियल का हिस्सा बन रही हूँ। इस सीरियल के साथ जुड़ना मेरे लिए काफी गर्व की बात है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘ मैं किसी को रिप्लेस करके इस सीरियल से जुड़ रही हूं। जो मेरे लिए आसान नहीं होगा। लेकिन मैं कोशिश करुँगी की दर्शक निराश न हों। ‘

नियति जोशी ने पारुल चौहान के बारे में कहा ‘मेरे ऊपर इस रोल को लेकर काफी प्रेशर हैं ,लेकिन मुझे किसी भी चैलेंज को स्वीकार करना अच्छा लगता है। मुझे ऐसा लगता है कि सुवर्णा का कैरेक्टर जो 2 -3 महीने से मिस था मुझे उसका लाभ मिलेगा। अभिनेत्री ने आगे बात करते हुए कहा, ‘ मुझे दादी मां का किरदार निभाने में कोई आपत्ति नहीं है। ‘

रत्नेश मिश्रा :बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना था. इसे पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन खबरों के प्रति ललक ने जर्नलिस्ट बना दिया. बीटेक के बाद जर्नलिज्म किया. उसके बाद अब पत्रकारिता में ही मन रम गया है.