Raju Srivastav: कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) का बुधवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया है. वे बीते 42 दिनों से दिल्ली के एम्स में एडमिट थे. 10 अगस्त को जिम में वर्कआउट करने के दौरान राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक (Heart Attack) आया था. जिसके बाद उन्हें तुरंत दिल्ली (Delhi) के एम्स (AIIMS) में एडमिट करवाया गया. सभी को हमेशा के लिए छोड़कर चले गए गजोधर भैया राजू श्रीवास्तव की जर्नी पर एक नजर डालते हैं.
देश के मशहूर कॉमेडियन (Comedian) राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) का जन्म उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर (Kanpur) में 25 दिसंबर 1963 को हुआ था. राजू श्रीवास्तव हास्य कलाकार का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम रमेश चंद्र श्रीवास्तव उर्फ़ बलाई काका थे वहीं उनकी मां का नाम सरस्वती श्रीवास्तव है. राजू श्रीवास्तव को बचपन से ही मिमिक्री करने का बेहद शौक था. इस हुनर के चलते वे बचपन से ही कॉमेडियन बनना चाहते थे.
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गजोधर भैया राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) ने कानपुर की गलियों में बहुत संघर्ष किया है. साइट नंबर स्थि सामुदायिक केंद्र में राजू श्रीवास्तव ने सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लिया. राजू बचपन से अमिताभ बच्च की मिमिक्री शानदार तरीके से किया करते थे. मिमिक्री कर स्कूल पर छा जाने वाले राजू का उस दिन अंदाज जरा हट के था. अमिताभ की तरह सूट पहन कर जब राजू मंच पर आते थे तो सभी सीटियां बजाने लगते और जमकर मजा लूटते थे.
मुंबई में राजू श्रीवास्तव ने किया संघर्ष:
जब राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) एक्टर बनने मुंबई के लिए निकले तो उन्होंने उसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं सोचा, बस उन्होंने एक्टर बनना था. वे जनरल टिकट लेकर मुंबई की गाड़ी में बैठे थे. टीटीई ने जब टिकट चेक करते समय राजू से पूछा कि मुंबई क्यों जा रहे हो? जिस पर राजू तपाक से बोले, एक्टर बनने. उसके बाद टीटीई ने सवाल किया एक्टर बनकर क्या करोगे, इस पर उन्होंने अमिताभ की आवाज और अंदाज में एक्टिंग करके दिखाई.
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इस पर टीटीई ने कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) को बोरीवली मुंबई में रहने वाले कव्वाल शंकर शंभू का पता दिया और उनसे कहा इनसे मिल लेना. टीटीई के नाम पर शंकर शंभू कव्वाल ने राजू (Raju Srivastava) को अपने साथ घर में ही रख लिया. उस दौरान मुंबई में गुजर-बसर करने के लिए राजू भाई ने कव्वाल की टीम में मंजीरा बजाने का काम किया. कव्वाल के साथ राजू का पहला कार्यक्रम लखनऊ के दूरदर्शन में प्रसारित हुआ. उस कार्यक्रम में राजू पीछे बैठे मंजीरा बजा रहे थे.
अपने एक इंटरव्यू में राजू श्रीवास्तव हास्य कलाकार (Raju Srivastava) ने बताया था कि जब वो मुंबई पहुंचे तो उस दौरान लोग कॉमेडियन को बड़ा कलाकार नहीं मानते थे. उस वक्त कॉमेडी जॉनी वॉकर से शुरू होकर जॉनी लीवर पर खत्म हो जाती थी. काम नहीं मिलने पर उन्हें भी पैसों की तंगी देखने पड़ी. खर्च चलाने के लिए राजू ने ऑटो रिक्शा भी चला कर गुजारा किया था.
Raju Srivastava Love Story
कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की लव स्टोरी भी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं हैं. राजू की शिखा से पहली मुलाकात उनके भाई की शादी के दौरान हुई थी. राजू पहली बार देखने पर ही शिखा को अपना दिल दे बैथे थे. राजू अपनी इस मुलाकात के बाद शिखा को मन ही मन में चाहने लगे थे और उनसे शादी करने के लगे.
राजू ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि एक बार तो वो शिखा को पटाने के चक्कर में जासूस तक बन गए थे. उन्हें काफी छानबीन करने के बाद पता चला कि शिखा उनकी भाभी के चाचा की बेटी है. शिखा के प्यार में राजू अक्सर इटावा जाया करते थे जहां शिखा रहती थीं लेकिन उन्हें अपने दिल की बात बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे.
राजू को एक तरफ अपने करियर की चिंता थी तो दूसरी तरफ वो अपने प्यार को भी पाना चाहते थे. उन्होंने पहले कुछ बनने की तैयारी की और मुंबई आ गए. मुंबई में शुरूआत में राजू को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने ऐसे-तेसे कर के मायानगरी में काम किया और जब थोड़ा पैसा कमाने लायक बने तो उन्होंने शादी करने के बारे में विचार किया.
राजू मुंबई से अपने प्यार यानि शिखा को पत्र लिखा करते थे. राजू उस वक्त भी अपने दिल की बात नहीं कर पा रहे थे और ये भी जानना चाहते थे क्या शिखा की शादी हो गई है या नहीं. राजू ने हिम्मत कर के अपने घरवालों के जरिए शिखा के घर रिश्ता भेजा था. शिखा के भाई राजू के मालाड वाले घर गए पूरी तसल्ली करने के बाद उन्होंने रिश्ते को लेकर हामी भरी. इस तरह से राजू की लव स्टोरी 12 साल के लंबे इंतजार के बाद मुकम्मल हुई.
राजू श्रीवास्तव का करियर:
गजोधर भैया राजू श्रीवास्तव ने बताया कि वो ऑटो में अपनी सवारी को सफर के दौरान जोक सुनाते थे. जिसके बदले में उन्हें किराये के साथ-साथ टिप भी मिल जाती थी. फिर एक दिन ऑटो में बैठी एक सवारी ने ही उन्हें स्टैंड अप कॉमेडी के बारे में बताया. सात साल तक लंबे संघर्ष के बाद उन्हें शो मिलने शुरू हो गए. उस समय मेहनताने के रूप में सिर्फ 50 रुपए ही मिलते थे. राजू श्रीवास्तव के मुताबिक स्ट्रगल के दिनों में वो बर्थ डे पार्टी में जाकर 50 रुपये के लिए भी कॉमेडी करते थे.
राजू श्रीवास्तव ने अपने करियर में टीवी शोज के साथ-साथ एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. ‘टी टाइम मनोरंजन’ (1994), ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ (2005), ‘बिग बॉस’ (2009), ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (2009), ‘गैंग्स ऑफ हसीपुर’ (2014), ‘अदालत’ (2010-16), ‘शक्तिमान’ (1998), देख ‘भाई देख’ (1993-94) जैसे कई हास्य और टीवी शो में नजर आए. उन्होंने ‘मैं प्रेम की दीवानी हूं’ (2003), ‘बॉम्बे टू गोवा’ (2007), ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ (2017) जैसी फिल्मों में छोटे से रोल से छाप छोड़ी.
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