कोरोना (Coronavirus) संकट के चलते देश में लॉकडाउन (Lockdown) लागू किया गया है। इस बीच केंद्र सरकार ने रामानंद सागर की ‘रामायण’ (Ramayan) का दूरदर्शन पर दोबारा से प्रसारण भी शुरू किया था। दोबारा प्रसारण के दौरान ‘रामायण’ (Ramayan Worldwide records) ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। राष्ट्रीय चैनल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस रिकॉर्ड की जानकारी दी। वहीं अब इस रिकॉर्ड पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं।
लॉकडाउन के बीच रामानंद सागर की रामायण ने टीआरपी रेटिंग्स में कई रिकॉर्ड बनाए. ये भी कहा गया कि रामायण दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाला प्रोग्राम है. बताया गया राष्ट्रीय चैनल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई कि 16 अप्रैल को प्रसारित किया गया एपिसोड 7 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा था। जिस पर लाइव मिंट ने सवाल खड़े किये हैं।
इस विवाद पर प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर से लाइव मिंट ने संपर्क किया। लाइव मिंट ने शशि शेखर से पूछा कि किस आधार पर रामायण के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की बात कही गई। जीसर पर शशि ने जवाब देते हुए लिखा कि “हमें ये पता है कि टीवी रेटिंग्स वाले खेल के बाहर भी बहुत सारे लोगों ने ये शो देखा है। मोबाइल टीवी सर्विसेज, जिन पर डीडी के चैनल्स आते हैं, जैसे जियो टीवी और एमएक्स प्लेयर, उनके माध्यम से इसे आधार बनाया गया।
‘रामायण’ ने 33 साल बाद बनाया विश्व रिकॉर्ड, बना दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला प्रोग्राम
इसी के साथ ही शशि शेखर ने आगे कहा कि अगर हम इन सभी आंकड़ों को जोड़कर देखें तो रामायण की व्यूवरशिप के बारे में बात करें, तो इसे लॉकडाउन के दौरान 200 मिलियन यानी 20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा है। मैं रिकॉर्ड की बात न करूं तो लॉकडाउन के दौरान इस महाकाव्य के दोबारा प्रसारण को देखने के लिए बहुत सारे परिवार एकसाथ आए। लोगों को घर पर सुरक्षित रखने में ब्रॉडकास्टिंग सर्विस ने अपना काम काफी प्रभावी तरीके से किया।”
बता दें लाइव मिंट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है की कि रामायण के वर्ल्ड रिकॉर्ड पर दूरदर्शन का दावा झूठा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकन सीरीज MASH का आखिरी एपिसोड 10 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा था। जिसके चलते रामायण दुनिया का सबसे ज्यादा देखा गया शो नहीं है। मैश का ये एपिसोड 28 फरवरी 1983 को प्रसारित किया गया था।