कहानी अर्जुन पटियाला (दिलजीत दोसांझ) की है जो एक कराटे कॉम्पटीशन जीतकर थाने का पुलिस इंचार्ज बन जाता है। अपने गुरु का सपना पूरा करने के लिए अर्जुन गुंडों का खात्मा करना शुरू कर देता है। इन सबमे अर्जुन की मदद करता है पुलिस कॉस्टेबल ओनिडा सिंह (वरुण शर्मा)। इस बीच अर्जुन को टीवी पत्रकार कृति सेनन से प्यारा हो जाता है पर ओनिडा बेचारे तो एक भैंस को ही अपनी गर्लफ्रेंड मान रहे हैं। एक दिन अर्जुन को पता चलता है कि असली डॉन तो कोई और ही है।
अब अर्जुन के साथ- साथ ओनिडा और पत्रकार कृति की भी जान खतरे में आ जाती है। इन सभी को बचा पाने में अर्जुन कामयाब होता है या नहीं जानने के लिए आपको फिल्म देखने जाना होगा। दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) अपने सीधे पन और सलीके एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अर्जुन पटियाला फिल्म में उन्होंने कॉमेडी की है। जो ऐसा लगता है जैसे जबरन की गई है। जरूरी नहीं कि कॉमेडी फिल्म के लिए किसी भी हद तक जाया जा सके।
कम से कम डायलॉग पर ध्यान दिया ही जा सकता था। हालांकि दिलजीत ने एक्टिंग अच्छी की है। वहीं कृति का तो कुछ पता ही नहीं चला कि उन्हें इस फिल्म के लिए कास्ट ही क्यों किया गया। अगर कृति (Kriti Sanon) फिल्म में हैं तो ठोस चीजे भी दिखानी चाहिए थी। एक बात समझ में नहीं आई। पंकज त्रिपाठी और रोनित रॉय जैसे एक्टरों को फिल्म में लिया गया है तो कम से कम उनसे उनके लेवल का काम तो ले लिया होता।