बॉलीवुड में कई ऐसे विलन हैं, जो अपनी दमदार एक्टिंग से किसी भी फिल्म में लीड एक्टर पर भी हावी हो जाते थे और अपनी एक अलग छाप छोड़ते थे। इन्हीं में से एक हैं बॉलीवुड के बैडमैन के नाम से फेमस गुलशन ग्रोवर (Gulshan Grover)। ये एक्टर ना सिर्फ अपनी एक्टिंग, बल्कि अपनी दमदार आवाज से भी अपने रोल में जान डाल देते थे।
कुछ वक्त पहले ही उन्होंने अपनी बायोग्रीफी (Gulshan Grover Biography Book Bad Man) लॉन्च की थी। बुक का नाम बैड मैन है। पत्रकार रोशमिला भट्टाचार्य इसकी को-राइटर हैं। इस बुक में गुलशन ग्रोवर के संघर्ष से लेकर एक्टर बनने तक का सफर, उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में बताया गया है।
सवाल- आप निजी तौर पर बायोग्राफी के खिलाफ थे फिर अचानक ऐसा क्या हुआ जो आपने ये फैसला लिया?
गुलशन ग्रोवर- जी बिल्कुल सही। पहले तो मैं ये बता दूं कि मैं क्यों इसके खिलाफ था। बायोग्राफी में अक्सर जब महिलाओं के बारे में लिखा जाता है तो लोग ये ध्यान नहीं दिया जाता कि जो रोमांटिक किस्से लिखे जा रहे हैं वो तब के हैं जब वो फिल्मों में काम कर रही थीं। अब उनका परिवार है, बच्चे हैं और अलग तरह की जिंदगी है। ऐसे में पुरानी बातों का जिक्र करना उनके और परिवार वालों को दुख पहुंचा सकती है। इसे जिम्मेदारी के साथ लिखने की जरूरत होती है।
दूसरी आपत्ति इस बात से थी कि जो लोग अपोजिशन में नहीं हैं वो अपने आप को बचाने के लिए कि ये किस्सा गलत है और ये ऐसे नहीं ऐसे था कहते नजर आते हैं क्योंकि अब आप पावरफुल हैं और आपके ऊपर बायोग्राफी लिखी जा रही है। लोग आपके बारे में जानना चाहते हैं उन्हें आपको इज्जत के साथ ट्रिट करना चाहिए। उन्हें डिफेंड और बहस नहीं करना चाहिए।