जस्सी जैसी कोई नहीं, अभिमान, अंताक्षरी जैसे शोज़ का हिस्सा रह चुके सिंगर-एक्टर करण ओबेरॉय को रेप केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। उनपर रेप और ब्लैकमेलिंग का झूठा आरोप लगा था| केस करने वाली महिला को झूठे आरोप लगाने के चलते अरेस्ट कर लिया गया है। जेल से लौटे के बाद करण ने मीडिया में अपनी आपबीती बताई है कि किस तरह जेल में कैदियों के साथ जानवरों से भी बद्तर व्यवहार किया जाता है|
बॉलीवुड भास्कर को दिए इंटरव्यू में करण ओबेरॉय ने बताया ‘मुझे पहली मंजिल पर एक ऐसे बैरक में रखा गया था, जिसमें पहले से ही 92 कैदी मौजूद थे। उस बैरक के गेट को सिर्फ कुछ घंटों के लिए खुला रखा जाता था, ताकि कैदी थोड़ा चल फिर सकें। हमें धूप देखने की भी इजाजत नहीं थी। वहां का टॉयलेट किसी नाले से कम नहीं था। कैदियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है। खाना इतना खराब कि उसे कोई नहीं खा सकता था। कई दिनों तक मैं भूखा रहता था।”
यही नहीं अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए करण ने बताया कि उन्होंने रो-रोकर अपनी हर रात निकाली थी| “हर रात मैंने जेल में रोकर निकाली। मैं अपना पूरा समय किताबें पढ़ने और लिखने में बिताता था। मैंने अपनी जिंदगी का सबसे बुरा वक्त उस जेल में बिताया है। चाहे कितने भी साल क्यों ना बीत जाएं, इस बुरे अनुभव को कभी नहीं भुला पाऊंगा। इससे बाहर आने में ना जाने कितने साल लग जाएंगे।”