साहो फिल्म (Saaho Movie) की कहानी दो हजार हजार करोड़ रुपए की हुई चोरी की कहानी है। चोर को पकड़ने की जिम्मेदारी मिलती है खुफिया पुलिस अफसर प्रभास को। प्रभास, जो बेहद शातिर हैं, हैंडसम हैं और जाबांज भी। प्रभास अपनी ख़ास टीम बनाते हैं जिसमे श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) को भी शामिल करते हैं। अब कहानी आगे बढ़ रही है जिसमे विलन्स की भी एंट्री होती है। जैकी श्रॉफ, चंकी पांडे (Chunky Panday), नील नितिन मुकेश, मंदिरा बेदी (Mandira Bedi), महेश मांजरेकर सहित कई विलन्स 200 हजार करोड़ रुपए के उस चाभी के पीछे पड़े हैं जो एक ब्लैक बॉक्स में बंद है। तिजोरी की चाभी पाने के लिए यानि ब्लैक बॉक्स को हासिल करने के लिए सारे विलन्स जी जान लगा रहे हैं लेकिन वो ब्लैक बॉक्स किसे मिलता कौन बनता है फिल्म का असली साहो, जानने के लिए आपको फिल्म देखने जाना होगा।
साहो का इन्तजार बड़ी ही बेदर्दी से हमने किया लेकिन दिल के अरमा आंसुओं में बह गए ऐसा लगा। दरअसल कहानी समझ ही नहीं आई। दर्जन भर बॉलीवुड और साउथ के एक्टरों को रख लिया गया पर किसी का कोई ख़ास इस्तमाल नहीं किया गया है। जैसे वहां भी एक्शन जबरन दिखाया गया जहां रोमांस का सीन था। इमोशनल सीन के समय तो बैक ग्राउंड में एक्शन की आवाज नही रखते।
कद काठी से प्रभास लम्बे चौड़े हैं इसलिए जब भी एक्शन किया मजा आ गया है। उनके कई सीन में हमें बाहुबली की भी झलक दिखाई दी लेकिन जब जब प्रभास ने हिंदी बोली तब तब थोड़ा सा अजीब लगा। शायद साहो फिल्म में प्रभास की आवाज की डबिंग की गई होती तो बेहतर होता। कहानी में कुछ भी नया नहीं है, और चीजों को ठूंसने की कोशिश की गई है। हॉलीवुड स्टाइल का भरपूर डोज है। गैलेरी और विदेशी तस्वीरें आपको कूट कूट कर देखने को मिल रही है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और ग्राफिक्स कमाल के हैं।