1- स्वामी चिन्मयानंद
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। शाहजहांपुर का पत्ता-पत्ता उनके रुतबे की कहानी बयां करता है। यही वजह है कि कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा ने जब चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया, तो कई दिनों तक उसकी शिकायत पर सुनवाई तक नहीं हुई।
मामला मीडिया में उछला तो योगी सरकार ने किरकिरी से बचने के लिए आनन-फानन में केस दर्ज कर एसआईटी का गठन करने का फरमान सुना दिया। पीड़िता ने एसआईटी को बतौर सबूत कई वीडियो सौंपे हैं, हालांकि सोशल मीडिया पर इस मामले से जुड़ा बताया जा रहा एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। पीड़िता का कहना है कि यह वीडियो ना ही उससे और ना ही उसके दोस्तों से जुड़ा है। चिन्मयानंद का कहना है कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
2- आसाराम बापू
स्वयंभू बाबा आसाराम बापू ने चार दशक में 10 हजार करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था। देश और दुनिया में उसके 400 से ज्यादा आश्रम हैं। दलित परिवार से ताल्लुक रखने वालीं सूरत निवासी दो नाबालिग सगी बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं की काली करतूतों का पर्दाफाश किया था। जिसके बाद 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया गया था और तब से रेपिस्ट बाबा जेल में बंद है।
3- गुरमीत राम रहीम
बलात्कार और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का अब जेल से बाहर आना नामुमकिन है। राम रहीम पर उसकी दो अनुयायियों ने ही रेप का आरोप लगाया था। इन साध्वियों ने एक चिट्ठी के माध्यम से तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपनी आपबीती सुनाई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लिया और सीबीआई से मामले की जांच कराई।